नई दिल्ली, रेलवे घोटाले मामला के कारण एक बार फिर (आरजेडी) नेता और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव मुश्किल में पड़ गए हैं। सीबीआई ने रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) घोटाले में नई एफआईआर दर्ज की है।
इस बार मामला नौकरी के बदले जमीन लेने से जुड़ा है। ये जमीन पटना के खटाल इलाके में हैं। सीबीआई ने रेड से पहले नौकरी के बदले जमीन देने वालों की जांच की, फिर रेड मारी।
सीबीआई ने कहा है आरोप यह है कि क्षेत्रीय रेलवे में ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी पटना के निवासी नियुक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्ति दी गई।
सीबीआई ने छापा ऐसे समय में मारी जब लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव अपनी पत्नी के साथ एक आयोजन में शामिल होने के लिए लंदन में है।छापेमारी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के ट्विटर हैंडल से सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया कि तोते हैं! तोतों का क्या! आगे लिखते हुए कहा कि तथाकथित रेलवे से संबंधित घोटाले में अनगिनत बार छापामारी हुई है और मिला कुछ नहीं। 2004-09 तक लालू जी रेल मंत्री थे।
आज 13 साल बाद भी अगर सीबीआई को छापा मारना पड़ रहा तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कितनी घटिया स्तर की जांच एजेन्सी है (सीबीआई)। लालू परिवार झुकने और डरने वाला नहीं है।
दुसरे ट्वीट में लिखा कि जिस लालू जी ने रेलवे को 90,000 करोड़ का मुनाफा दिया, जिस लालू ने लाखों युवाओं के लिए रेलवे में भर्ती निकाली,कुलियों को स्थायी किया उस लालू पर 15 साल बाद छापा मरवाया जा रहा है, जिस संघ व मोदी-शाह ने रेलवे को बेच दिया, स्टेशन बेच दिए, 72000 पदों को डकार गए वो ईमानदार बन रहे है।