महाराष्ट्र के इस गांव में हिंदुओं ने मस्जिद में लाउडस्पीकर देकर विवाद करने वालों को दिया मुंहतोड़ जवाब…

नई दिल्ली :(रुखसार अहमद) देश में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद जारी है, यूपी सरकार ने अबतक धार्मिक स्थल से कई लाउडस्पीकर हटावा दिए। रमजान के महीने में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाए गए, जिससे मुसलमानों को काफी दिक्कते हुई थी।

वहीं महाराष्ट्र की बात करे तो मएनएस पार्टी लीडर राज ठाकरे मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने और अजान को लेकर जहर उगलता रहता है। उसने रमजान और ईद पर मुसलमानों को धमकी देते हुए कहा था कि मस्जिदों से 3 मई तक लाउडस्पीकर हटा लिए जाए, वरना हनुमान चालिसा पढ़ा जाएगा।

वहीं महाराष्ट्र के बुलडाना से हिंदू- मुस्लिम एकता की मिसाल कयाम करने जैसा मामला सामने आया है। जो राज ठाकरे जैसे लोगों के लिए मुंहतोड़ जवाब है।

दरअसल बुलडाना जिले के केलवाड़ गांव के हिंदू भाइयों ने सामाजिक शातिं के लिए लाउडस्पीकर के साथ  गांव की मस्जिद का दौरा किया, और मस्जिद के जिम्मेदारों को लाउडस्पीकर भेंट किया।

एक ओर जहां मस्जिदों से लाउडस्पीकर निकालने का अल्टीमेटम जारी किया जा रहा था, वहीं केलवाड़ गांव की मस्जिद में लाउडस्पीकर नहीं होने का अहसास होने पर गांव के हिंदू भाइयों ने आपस में एकता दिखाते हुए लाउडस्पीकर खरीदा और मस्जिद को दे दिया।

उनका ऐसा करना एक मिसाल है कि भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता कायम रखी जाए। ईद-उल-फितर के दिन हिंदूओं द्वारा दिए गए लाउडस्पीकर के अनोखे उपहार से गांव के मुसलमान खुश है और उनका शुक्रिया अदा किया है।

बता दें कि केलवाड़ गांव की आबादी पांच हजार है और मुस्लिम भाइयों की संख्या सिर्फ एक सौ पचास है। गांव में हिंदूओं की संख्या ज्यादा है, लेकिन लाउडस्पीकर केलवाड़ के ग्रामीणों द्वारा दिया गया शांति और सद्भाव का उपहार है।

एक तरफ राजनेता और कई दल हैं जो लगतार लाउडस्पीकर की मजम्मत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे हैं जो इसे पहले की तरह आम तौर पर ले रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह हाल ही में राजनौतिक कारणो से जनमा विवाद है।

कुछ राजनौतिक जानकारों का मानना है यह मुद्दा उठा कर कुछ राजनेता अपनी सियासी रोटिया सेकना चाहते हैं और राजनौतिक नीव को मजबूत करना चाहते हैं। वहीं केवाड गाँव के लोगों का ये कदम आग मे पानी डालने का काम कर रहा है । राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात में केलवाड़ गांव का यह अनूठा उदाहरण है।

 

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