कानपुर : मदरसा इस्लामिया को अवैध बताते हुए चलाया बुलडोजर, कुरान शरीफ और दीन की किताबें निकालने का भी नहीं दिया मौका

नई दिल्ली : (रुखसार अहमद)  देश में मुसलमानों पर जुल्म बढ़ता जा रहा है, पहले दिल्ली और मध्य प्रदेश में दंगें करके उनके घर तोड़े गए। अब यूपी सरकार ने मदरसों पर हमला करना शुरू कर दिया।

हाल ही में यूपी के आजमगढ़ में अचानक बिना सूचना दिए मुबारकपुर के जमीअतुल अशरफिया विश्वविद्यालय को गिरा दिया गया था। अवैध बताते हुए बुलडोजर तब चलाया गया जब वहां के सभी शिक्षक छुट्टी पर गए हुए थे, और उन्हें अपना सामान निकालने का मौका तक नहीं मिला। अब ऐसा ही मामला कानपुर के घाटमपुर में किया गया।

मदरसा इस्लामिया को बिना खबर दिए गिरा दिया गया। कुरान पाक व दीन की अन्य किताबों को भी निकालने का मौका नहीं दिया गया। प्रशासन ने अवैध बताते हुए मदरसे पर बुलडोजर चला दिया। इतना ही नहीं मदरसे के जिम्मेदाराना कहते रहे पहले हमें अपनी दीन की किताब निकालने दिजिए, लेकिन प्रशासन ने उन लोगों की बात नहीं सुनी और बुलडोजर चला दिया। इससे यह पता चलता है कि योगी राज में प्रशासन भी गुंडागर्दी कर रहा है।

मान ले अगर मदरसा अवैध भी तो क्या प्रशासन इतना मौका नहीं देगा कि धार्मिक स्थल से जुड़ी चीजों को पहले निकाल लिया जाए। इस मामले में मदरसे के जिम्मेदारान ने यह भी कहा कि यह निर्माण मदरसे की निजी जमीन पर हुआ है लेकिन इसके बावजूद उसे अवैध बताते हुए मदरसे के एक हिस्से को बुल्डोजर से गिरा दिया गया है।

सरकारी जमीन पर मदरसे को बताते हुए उपजिलाधिकारी घाटमपुर आयुष चौधरी, पुलिस क्षेत्राधिकारी सुशील कुमार दुबे, प्रभारी निरीक्षक घाटमपुर एसके सिंह ने पुलिसबल और बुल्डोजर के साथ पहुचें और उसपर बुलडोजर चला दिया। इस दौरान मदरसे में मौजूद छात्र/छात्राओं को बाहर जाने के लिए कहा गया।

लेकिन कुरान शरीफ और दीन की किताबों को नहीं निकालने दिया गया। मदरसे के हेड इंतेज़ार अहमद ने कार्यवाही रोकने की मांग करते हुए प्रशासन से कहा कि मदरसे का हिस्सा निजी जमीन पर निर्मित है, लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने ना तो उनका पक्ष सुना और ना ही उनकी बात, जिसके बाद प्रधानाध्यापक ने जमीन को दोबारा मापने की मांग की है। इंतेज़ार अहमद की मांग को मानते हुए एसडीएम घाटमपुर आयुष चौधरी ने दोबारा जमीन मापने के बाद आगे की कार्यवाही की बात कही है।

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