नई दिल्ली, दिल्ली में 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दिल्ली पुलिस ने इस पर जवाब मांगा है।
साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि जिस भाषण के आधार पर उमर पर दंगों की साजिश रचने का आरोप लगा है हम उसे प्रथमदृष्टया नजरअंदाज नहीं कर सकते।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जो भाषण दिया गया वह अपराध लगता है और ऐसा आभास कराता है कि देश की स्वतंत्रता की लड़ाई सिर्फ एक ही संस्था ने लड़ी।
दरअसल उमर का बयान था, हम नफरत का जवाब नफरत से नहीं देंगे। अगर वे नफरत फैलाते रहेंगे, तो हम प्यार से जवाब देंगे, अगर वे हमें लाठियों से पीटेंगे, तो हम तिरंगा पकड़ लेंगे। इस बयान पर भी कोर्ट को आपत्ति है।
दिल्ली हाइकोर्ट ने जमानत याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि "उमर खालिद का भाषण अस्वीकार्य"
"हम नफरत का जवाब नफरत से नहीं देंगे। अगर वे नफरत फैलाते रहेंगे,तो हम प्यार से जवाब देंगे,अगर वे हमें लाठियों से पीटेंगे,तो हम तिरंगा पकड़ लेंगे।"#UmarKhalidpic.twitter.com/3iqSyyXUAh
— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) April 22, 2022
वहीं कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर के गोली मारो जैसे बयान भकाऊ नहीं है। अस मामले में अब अदालत ने दिल्ली पुलिस को अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।