बिहार के कटिहार में मस्जिद की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि इसलिए बनाई थी ह्यूमन चैन…

नई दिल्ली : बिहार के कटिहार जिले में रामनवमी के मौके की एक तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। तस्वीर और वीडियो में कटिहार के फकीरतकिया चौक पर एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद के सामने युवा मानव शृंखला बनाए दिख रहे है थे। जिसकी बड़े-बड़े लोगों ने सरहाना की थी।

जानेमाने लेखक असगर वजाहत से लेकर अभिनेत्री स्वरा भास्कर तक ने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को उम्मीद से भरा बताते हुए लिखा है कि हमें ऐसी ही मानवता चाहिए।

https://twitter.com/ReallySwara/status/1514824132059353088

वहीं शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा था कि नहीं अभी सब ख़त्म नहीं हुआ है, कुछ उम्मीदों के चराग़ अब भी रौ़शन हैं।

लेकिन जब इस तस्वीर की सच्चाई सामने आई तो वह काफी हैरान करने वाली थी। बीबीसी ने इस तस्वीर के संबंध से जुड़ी सच्चाई का पता लगया है। दरअसल विश्व हिंदू परिषद के ज़िला मंत्री रितेश दूबे बीबीसी हिंदी को बताते हैं, मस्जिद को बचाने के लिए हमने ह्यूमन चेन (मानव शृंखला) नहीं बनाई थी।

हमारी शोभायात्रा में शामिल लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो इसलिए हम लोग ह्यूमन चेन बनाकर शोभायात्रा निकाल रहे थे। उनकी इस बात से यह साफ हो जाता है उन्हें मस्जिद की परवाह नहीं थी, बल्कि रैली में शामिल लोगों की परवाह थी। लेकिन तस्वीर वायरल होने पर लोग इसे गंगा जमुनी की तहजीब कहकर तारीफ कर रहे थे।

सात किलोमीटर लंबा ये जुलूस दोपहर डेढ़ बजे के करीब शुरू होकर शाम 7 बजे खत्म हो गया था। यह जुलूस रामनवमी के अन्य आयोजनों की तरह ही लाठी-तलवारों के साथ निकला था, जिसे आयोजक अपने आराध्य यानी राम के पारंपरिक शस्त्र बताते हैं।

कटिहार में रामनवमी का जुलूस जिस रास्ते निकाला गया उस रास्ते में दो मस्जिदें पड़ती हैं। पहली एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद है और दूसरी मस्जिद बाटा चौक पर है। वायरल तस्वीर या वीडियो एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद की है।

42 साल के रितेश बीते 12 साल से विश्व हिंदू परिषद के ज़िला मंत्री हैं, वो बार-बार ‘जुलूस’ शब्द के इस्तेमाल पर ऐतराज जताते हैं। वो कहते हैं, “जुलूस उर्दू शब्द है, हम शोभायात्रा निकालते हैं।

 

 

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