नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को झटका देते हुए केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को दो मुस्लिम आरोपी नजीर और शफास को बरी कर दिया। कोझिकोड दोहरे विस्फोट मामले में 2011 में यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए थे।
उनके वकील ने कहा कि अदालत ने एनआईए की विशेष अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ नजीर की अपील को स्वीकार कर लिया। नजीर और अन्य आरोपियों के खिलाफ तीन मार्च, 2006 को कोझिकोड केएसआरटीसी और मुफस्सिल बस स्टैंडों पर बम विस्फोटों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने का आरोप लगाया गया था।
नज़ीर अदालत के समक्ष अपनी अपील पर बहस करने के लिए तैयार था, इसलिए उसे परप्पना अग्रहारा में बैंगलोर सेंट्रल जेल से ले जाया गया और पहली सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष पेश किया गया। नज़ीर की ओर से एक वकील भी पेश हुआ, इसलिए तुरंत एक वकालत पर हस्ताक्षर किए गए और उसे वापस जेल भेज दिया गया।
अदालत ने उसे ऑनलाइन कार्यवाही देखने की स्वतंत्रता भी दी। मामले के पहले और चौथे आरोपी नज़ीर और शफ़ाज़ ने निचली अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को रद्द करने के लिए अपील दायर की थी। जिसके बाद दोनो को जमानत दे दी गई।