नई दिल्ली, जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। उन्होंने हाईकोर्ट से मदद की गुहर लगते हुए अपनी रिहाई मांग की है।
मुख्तार ने दलील दी है कि वह गैंगस्टर एक्ट में सजा काट चुके है। मुख्तार अंसारी के इस गुहार को हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है और कोर्ट ने राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा है। वहीं, मुख्तार अंसारी की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी जवाब दाखिल कर कहा है कि वह तमाम मुकदमों में जेल में बंद हैं।
मुख्तार की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की पीठ ने सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि उसे अवैध रूप से न्यायिक हिरासत में रखा गया है क्योंकि वह गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में दस वर्ष की सजा काट चुका है। उसके खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस एक्ट में अधिकतम दस साल की सजा का ही प्रावधान है।
उसके खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस एक्ट में अधिकतम दस साल की सजा का ही प्रावधान है। दरअसल, मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
इस एक्ट में अधिकतम दस साल की सजा का ही प्रावधान है। उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 15 केस ट्रायल स्टेज पर हैं। मुख्तार ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। फिलहाल, 11 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी। जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस सुधारानी ठाकुर की पीठ में यह सुनवाई हुई।