नई दिल्ली, आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 संस्थानों के विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण रद्द हो गया है।
विदेशों से फंडिंग के लिए एफसीआरए पंजीकरण जरूरी होता है। अधिकारियों का कहना है कि इन संस्थानों ने या तो अपने एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण (Renewal) के लिए आवेदन नहीं किया या केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके आवेदनों को खारिज कर दिया।
एफसीआरए से संबंधित आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जिन संगठनों और संस्थानों का एफसीआरए के तहत पंजीकरण समाप्त हो गया है या वैधता समाप्त हो गई है, उनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल फाउंडेशन, लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और ऑक्सफैम इंडिया शामिल हैं।
एफसीआरए के तहत पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और इसके सहयोगियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अधिनियम के तहत पंजीकरण एक जनवरी को समाप्त माना गया है।
विदेशी चंदा हासिल करने के लिए किसी भी संगठन और NGO के लिए FCRA रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। शुक्रवार तक 22,762 FCRA-रजिस्टर्ड NGO थे। शनिवार को, यह घटकर 16,829 हो गए, क्योंकि 5,933 NGO ने कामकाज बंद कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि 18,778 संगठनों के FCRA लाइसेंस 29 सितंबर 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच खत्म हो रहे थे। उनमें से करीब 12,989 संगठनों ने FCRA लाइसेंस रिन्यू के लिए 30 सितंबर 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच आवेदन दिया था।
एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि 5,789 संगठनों ने FCRA लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं दिया, उनका रजिस्ट्रेशन खत्म समझा जाएगा। उनके अलावा, 179 संगठनों के रिन्यू का आवेदन गृह मंत्रालय की तरफ से विभिन्न कारणों को लेकर रद्द कर दिया गया।
जिन संगठनों का FCRA रजिस्ट्रेन खत्म हो गया है, उनमें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI), इमैनुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन, जो पूरे भारत में एक दर्जन से ज्यादा अस्पताल चलाता है, ट्यूबरकोलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, विश्व धर्मायतन, महर्षि आयुर्वेद प्रतिष्ठान, नेशनल फेडरेशन ऑफ फिशरमेन कोऑपरेटिव्स लिमिटेड शामिल हैं।