‘घी का इंतजाम हो गया है’… NIA ने बताया कोडवर्ड का आतंकी कनेक्शन, कोर्ट ने चार मुस्लिम लड़को को किया बरी

NIA

नई दिल्ली: (रुखसार अहमद) दिल्ली की एक अदालत ने आतंकी फंडिंग के मामले में चार लोगों को बरी  कर दिया। एनआई ने शक के बिना पर चार मुस्लिम लड़कों को UAPA लगाकर गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। दऱअसल मामला NIA ने एक मैसेज को आतंकी हमले से जोड़ दिया।

मैसेज था कि घी का इंतजाम हो चुका है, मुम्बई वाली पार्टी भी आएगी उनके हाथों आपको घी भिजवा देंगे। इस मैसेज को NIA ने ‘घी’ को बम समझ लिया। जिसके आरोप में चार मुस्लिम लड़कों को गिरफ्तार करके ले गई।

NIA ने कोर्ट में इस बात का दावा किया कि आरोपियों ने विस्फोटकों के लिए “घी” और आतंकी ट्रेनिंग के लिए “खिदमत” जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि इन शब्दों के कई मतलब निकाले जा सकते हैं और एजेंसी जो साबित करना चाह रही है उसका कोई प्रमाण नहीं है। इस मामले में एनआईए ने मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सलीम, आरिफ गुलाम बशीर धर्मपुरिया और मोहम्मद हुसैन मोलानी को पाकिस्तानी आतंकी संगठन से फंडे लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

उनपर यह भी आरोप लगया था कि ये चारों फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) से फंड लेकर स्लीपर सेल को तैयार करते थे जिससे कि भारत में दहशत फैलायी जा सके। हालांकि स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने इन आरोपियों को बरी कर दिया। उन्होंने कहा, ‘इन शब्दों के पारे में कोई सबूत नहीं पेश किया गया है।

इसलिए एनआईए की इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता।’ घी के बारे में एनआईए के वकील ने कोर्ट में कहा था कि इसका कोई संदर्भ नहीं है इसलिए इस शब्द का इस्तेमाल किसी और अर्थ में किया गया है। यह विस्फोटक भी हो सकता है। लेकिन बाद में कोर्ट ने कहा कि घी का मतलब कुछ और भी हो सकता है।

इसे विस्फोटक से जोड़ देना भी तर्कसंगत नहीं है। इसी तरह खिदमत शब्द पर भी बहस हुई। कोर्ट ने कहा कि शब्दों के अर्थ का अंदाजा लगाना, सबूत नहीं है। इसलिए इन आरोपियों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस बात को आप याद रखिए की हिन्दुस्तान के किसी भी कोने से कोई भी मुसलमान गिरफ्तार हो तो आप उसपर सफ़ाई नही दीजिए। क्योंकि 99% उसका गुनाह ‘मुसलमान’ होना है।

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