स्टेन स्वामी की तरह क्या अतीकुर्रहमान का भी क्या जा सकता institutional मर्डर, परिवारों ने की रिहाई की मांग

नई दिल्ली, कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया के लीडर अतीकुर्रहमान एक खतरनाक दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं। उनके साथ यूपी की मथुरा जेल में गैरइंसानी सलूक किया जा रहा है। इससे पहले अतीकुर्रहमान की तरह स्टेन स्वामी के साथ ऐसा किया जा चुका हैं। उन्हें पानी पीने के लिए स्ट्रॉ या सिपर देने से मना कर दिया गया था। जेल अधिकारियों के इस कड़े रवैए और खराब मेडिकल व्यवस्था के कारण कस्टडी में उनकी मौत हो गई थी। अगर समय पर रहमान को भी सही मेडिकल मुहया नही कराया गया तो उसकी भी मौत हो सकती है। वहीं अतीक के परिवार को उनके दिल की हालत बिगड़ने का डर है। अगर जल्द ही सर्जरी न की गई तो उनका हार्ट-फेल हो सकता है। मथुरा के सेशन कोर्ट ने उनकी नाज़ुक हालत का नोटिस न लेते हुए उनकी ज़मानत की अर्ज़ी को खारिज कर दिया है। अब उनके परिवार ने हाईकोर्ट का रुख करते हुए उन्हें जल्द मेडिकल मदद देने के लिए एम्स में भार्ती करने की दरख्वास्त की है। परिवार वालों का कहना है की यूपी सरकार अतीकुर्रहमान से बदला ले रही है, क्योंकि उन्होंने कैम्पस फ्रंट के दूसरे लीडरों के साथ हाथरस की पीड़िता को इंसाफ दिलाने और उसके परिवार को तसल्ली देने के लिए उसके घर जाने की कोशिश की थी। यूपी पुलिस ने इसे एक मौका बना लिया और हाथरस के रास्ते पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। द क्विंट में छपी खबर के मुताबिक अतीकुर्रहमान के भाई ने उनकी हालत के बारे में बताया है। मातीन ने कहा की रहमान को हाथरास मामले में 8 लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनके भाई के खिलाफ NASA के तहत करवाई की गई। मातीन बोले हमने उनकी गिरफ्तारी के 60 दिनों के अंदर इलाज के लिए जमानत अर्जी लगई थी। ताकि उनका समय पर इलाज हो सके। लेकिन निचली अदालत ने उसे खारीज कर दिया है। अब हमने हाई कोर्ट में उनके इलाज के लिए आर्जी डाली है। उनके भाई ने बताया की जब वो बीमार होते तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है, हाथ-पैर कापंने लगते है और उनके शरीर से पसीना बहने लगता है। साथ ही वो उस वक्त ऐसी हालत में होते है की वो किसी से बात नहीं कर पाते। मातीन ने कहा की अगर उसका वाल्व काम करना बंद कर देगा, तो उसके पूरे शरीर में खून नहीं जाएगा और वह मर सकता है। मतीन ने कहा जब वो बीमार पड़े थे तब उन्हें हम मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ़ के अस्पतालों और दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए ले जा चुके है, लेकिन उन्होंने सर्जरी कराना की सलाह दी है। अपने भाई का बचाव करते हुए मतीन ने कहा, आप देख सकते हैं कि कैसे यूएपीए कानून के लिए सिर्फ सभी मुस्लमानों को चुना। क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी जैसे अन्य लोग हाथरस नहीं गए थे। फिर उनके खिलाफ कोई करवाई क्यों नहीं की गई। केवल आठ मुस्लिमों को ही क्यों चुना जा रहा है? वे मौके पर भी नहीं पहुंचे। रहमान और कप्पन के अलावा इस मामले के अन्य आरोपी मसूद अहमद, आलम, रऊफ शरीफ, फिरोज, अंसद बदरुद्दीन और दानिश हैं। जबकि पहले सात जेल में हैं, लेकिन दानिश को गिरफ्तार नहीं किया गया है। क्योंकि वह इलाहाबाद कोर्ट में इस जबरदस्ती की कार्रवाई के खिलाफ जा चुका है। मतीन 32 साल के है और रहमान से 5 साल बड़े है। वह कहते है की उन्होंने उसे एक बच्चे की तरह पाला है, और उसे अपनी गोदी मे खिलाया है। मतीन ने बताया की उनका भाई मेरठ के चौधरी चरण सिंह कालेज से पीएडी कर रहा है। वह कभी भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का मेंबर नहीं रहा। उसके भाई पर लगे यह सारे अरोप गलत है।
मतीन बोले ”हम उनसे केवल तत्काल सर्जरी कराने के लिए कह रहे हैं, ताकि वह जेल दुबारा लौट सकें। बता दें रहमान की गिरफ्तारी के बाद वह जेल में अपने परिवार वालों से मिल चुके हैं। मतीन याद करते हैं, “मेरे भाई ने मुझे बताया कि वह हाथरस जा रहे थे, जहां दलित लड़की के साथ बलात्कार हुआ था। उन्होंने कहा कि वह परिवार को न्याय दिलाने और उनकी आवाज सुनने में मदद करने जा रहे हैं। यह यूएपीए मामला फर्जी है।” रहमान ने बताया था की एक परिवार को न्याय दिलाने में मदद करना कब से गलत होने लगे। उनका का मानना है कि यूपी सरकार ध्यान भटकाने के लिए फर्जी केस बना रही है। परिवार को चिंता है कि वे रहमान को खो देंगे। उनके वकील कहते हैं, वह किसी भी समय मर सकते है। दिल किसी भी समय विफल हो सकता है। हमने उसे आधी रात में अस्पतालों में पहुंचाया है, इसलिए हम जानते हैं कि इसमें किस तरह के खतरे शामिल हैं। अब हमारी उम्मीदें उच्च न्यायालय में हैं। मतीन ने कहा की हमारा वकील इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सूचीबद्ध होने का इंतजार कर रहा हैं। सैफन ने कहा, “उनके पास उचित चिकित्सा प्राप्त करने का अधिकार है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि उच्च न्यायालय कारण देखेगा और उसे सर्जरी कराने की अनुमति देगा।”

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