कश्मीर में सिख बेटियों के साथ जबरदस्ती सहन नहीं की जाएगी: शाही इमाम पंजाब

मुसलमानों और सिखों में दरार डालने की कोशिशें शर्मनाक हरकत है 

लुधियाना, 30 जून (मेराज़ आलम ब्यूरो रिपोर्ट) : जम्मू-कश्मीर में दो सिख बेटियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने और निकाह करवाने के मामले को लेकर दोनों समुदायों में नफरत फैलाने की कोशिश करने वालो को नापाक हरकत से बाज आने का संदेश देते हुए आज यहां ऐतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना से शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा की बेटी सिख की हो या मुसलमान की, बेटी-बेटी होती है। बेटियों के साथ खिलवाड़ करने वाले बक्शे नहीं जाने चाहिए। शाही इमाम ने कहा की कुरान शरीफ में अल्लाह ताआला का साफ हुक्म है कि दीन में जबरदस्ती नहीं है, अगर कोई जबरदस्ती करने की कोशिश करता है तो उसको रोकना हमारा फर्ज है। शाही इमाम ने कहा कि कश्मीर की सिख बेटियों को इंसाफ मिल कर रहेगा। मुसलमान इस मामले में अपने सिख भाइयों के साथ हैं। शाही इमाम ने कहा कि इस मामले की आड़ लेकर जो लोग नफरत की सियासत कर रहे हैं वो यह बात अच्छी तरह से समझ लें कि सिखों और मुसलमानों का भाईचारा नफऱत के प्रचार से टूटने वाला नहीं है, इसी बीच आज जामा मस्जिद के कार्यालय में नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना के प्रिंसिपल गुरबचन सिंह खनवां, सरदार मालबीर सिंह, डायरेक्टर सुरिंदर सिंह मक्कड़ , प्रभशरण सिंह, अमृतपाल सिंह प्रधान यूनाइटेड सिख पंजाब से मीटिंग की और विस्तार से इस मामले पर चर्चा हुई। इस मीटिंग में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि श्री अकाल तख्त साहिब में विनती की जाए कि सिंह साहिब इस मामले में इंसाफ के लिए सिख और मुस्लिम बुद्धिजीवियों पर आधारित कमेटी बना कर इसकी जांच करवाएं।
फोटो कैप्शन : जामा मस्जिद लुधियाना में नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी से मुलाकात करते हुए सिख मिशनरी कॉलेज के प्रबंधक।

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