डेस्क रिपोर्ट, नई दिल्ली……पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद के अतंर्गत आने वाले एक नगर पंचायत डासना में मंदिर के प्याऊ से पानी पीने पर एक बच्चे को बेरहमी से पीटने का वाकया सामने आया था. दरअसल 11 मार्च को डासना के एक देवी मंदिर में लगे नल से पानी पीने के कारण मंदिर में रहने वाले श्रृंगीनंदन यादव ने आसिफ़ नाम के एक बच्चे को न सिर्फ़ बेरहमी से पीटा था बल्कि पीटने का वीडियो बनाकर उसे वायरल भी किया था.
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया में इस घटना की निंदा होने लगी और #SorryAsif ट्विटर हैंडल पर ट्रेंड होने लगा. वीडियो क्लिप साझा करके तमाम लोग इस मुद्दे को उठाने लगे. पुलिस ने भी सोशल मीडिया में आई क्लिप का ही संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की. देश-विदेश की मीडिया में भी इस घटना को प्रमुखता से जगह दी गई.
इसी सिलसिले में मिल्लत टाइम्स के संवाददाता भी ज़मीनी हक़ीक़त मालूम करने के लिए डासना पहुंचे थे, पीड़ित लड़के आसिफ से घटना की तफसील सुनने के बाद मंदिर के पुजारी से भी उनका पक्ष जानने हेतु मंदिर गए. रिपोर्टर असरार अहमद और उनके साथी अकरम जब मंदिर के प्रांगण में दाखिल हुए तो वहां मौजूद पुजारियों ने उनसे चैनल का नाम पूछा और अंदर जाने की अनुमति दे दी. अचानक से वहां मौजूद एक व्यक्ति ने इन लोगों का नाम पूछा, फिर क्या था… मुस्लिम नाम सुनते ही पुजारियों का मुसलमानों के प्रति धार्मिक द्वेष जाग उठा, उन लोगों ने मिल्लत टाइम्स के रिपोर्टरों को धार्मिक आधार पर मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया.
इस बाबत मिल्लत टाइम्स के मुख्य संपादक शम्स तबरेज क़ासमी ने प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने संस्था के संवाददाताओं के साथ हुए धार्मिक आधार पर भेदभाव के बारे में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को अवगत कराया एवं साथ ही इस पर कार्रवाई की मांग की है.
गौरतलब हो कि अब प्रेस क्लब आफ इंडिया की तरफ़ से एक लिखित बयान जारी किया गया है जिसमें मिल्लत टाइम्स के रिपोर्टरों के साथ पेश आए इस घटना की कड़ी निन्दा की गई है, और इसे बेहद शर्मनाक बताया गया है, साथ ही देश-भर के पत्रकार कम्युनिटी से ये आह्वान भी किया गया है कि ऐसे मामलात के खिलाफ आवाज उठाएं. अथोरिटी से भी इस पर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है.