ऑल्ट न्यूज़. फैक्ट चेकिंग वेबसाइट है. इसके को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. एक एफआईआर रायपुर में हुई है और एक दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने दर्ज की है. जुबैर पर आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की शिकायत के बाद ये मामले दर्ज किए गए हैं. जुबैर पर आरोप है कि उन्होंने ट्विटर पर एक बच्ची को धमकाया और प्रताड़ित किया.
दिल्ली साइबर क्राइम के डीसीपी अन्येश रॉय और रायपुर एसएसपी अजय यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से एफफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि की है.
NCPCR के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि NCPCR ने 8 अगस्त को पोस्ट का संज्ञान लिया और जांच शुरू की. हमने ट्विटर से जानकारी मांगी. ट्विटर के जवाब से असंतुष्ट होकर हमके उनके प्रतिनिधि को तलब किया. ट्विटर को प्रासंगिक जानकारी साझा करने के लिए 10 दिनों का और वक्त दिया गया है. हमने पुलिस अधिकारियों को भी कारवाई के लिए कहा.
जुबैर के किस ट्वीट पर शिकायत हुई?
ट्विटर पर जगदीश सिंह नाम के शख्स के साथ बहस के बाद जुबैर ने उसकी प्रोफाइल फोटो पोस्ट करते हुए जवाब दिया था. जुबैर ने फोटो में मौजूद नाबालिग लड़की का चेहरा ब्लर कर दिया था. 6 अगस्त को किए गए इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था,
हेलो जगदीश सिंह, क्या आपकी प्यारी सी पोती को आपके पार्ट टाइम नौकरी के बारे में पता है, जहां आप सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देते हैं? मेरी सलाह है कि आप अपनी प्रोफाइल फोटो बदल लें.
इसी ट्वीट को लेकर केस किया गया है कि ज़ुबैर ने एक नाबालिग की पहचान को इस तरह उजागर किया. उस ट्वीट की वजह से नाबालिक को ट्विटर पर प्रताड़ित किया गया.
मामले पर ऑल्ट न्यूज़ ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जुबैर ने कहा कि यह एकदम ओछी शिकायत है. मैं कानूनी रूप से इसका जवाब दूंगा.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने ट्विटर पर ऑल्ट न्यूज़ की तरफ से स्टेटमेंट जारी किया. ऑल्ट न्यूज़ ने कहा,
कानूनी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को शिकार बनाया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ जुबैर के साथ खड़ा है. जुबैर फेक न्यूज़ से लड़ने में सबसे आगे रहे हैं और उनका यह काम उन लोगों को नुकसान पहुंचाता है जिन लोगों ने भारतीय लोकतंत्र को नीचा दिखाने के लिए गलत जानकारी को हथियार बनाया हुआ है.