मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:रमजान की शुरुआत हो चुकी है. पहला दिन भी बीत गया, इस बार चिलचिलाती गर्मी में रोजेदारों को पहले दिन सबसे ज्यादा कमी रूह अफजा की खली. हर किसी को उम्मीद थी कि रमजान शुरू होने से पहले रूह अफजा बाजार में मिलने लगेगा. लेकिन अभी तक रूह अफजा बाजार से गायब है. अब रूह अफजा की कमी की चर्चा सोशल मीडिया पर भी होने लगी है.
क्यों गायब है? इसका सही जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है. कंपनी गोलमोल जवाब दे रही है. चाहने वालों को जब आज से महीने भर पहले रूह अफजा नहीं मिलने की खबर मिली तो विश्वास करना मुश्किल था. क्योंकि रूह अफजा की कमी 1906 से अभी तक कभी नहीं हुई थी.
कुछ लोगों ने कहा कि यह केवल अफवाह है, लेकिन लोग जब बाजार पहुंचे तो अफवाह हकीकत में बदल गई. दुकानदार भी परेशान हैं कि आखिर माजरा क्या है. कंपनी की ओर से रूह अफजा की सप्लाई क्यों नहीं की जा रही है.
इस मामले को लेकर हमने पिछले महीने 17 अप्रैल को कंपनी से संपर्क कर वजह जानने की कोशिश की. कंपनी का सीधा कहना था कि प्रमोटरों के बीच आपसी विवाद की खबर अफवाह है और सप्लाई में कमी की वजह प्रोडक्शन यूनिट में टेक्निकल खराबी है. हालांकि उस समय कंपनी की ओर से दावा किया गया था कि प्रोडक्शन तेजी से चल रहा है और अगले एक हफ्ते में रूह अफजा आसानी से बाजार में मिलने लगेगा. लेकिन ऐसा अब तक संभव नहीं हो पाया है.
दरअसल वर्षों से गर्मी की शुरुआत होते ही टेलीविजन से लेकर तमाम माध्यमों से रूह अफजा का विज्ञापन दिखने लगता था. लेकिन इस बार गर्मी चरम पर पहुंच चुकी है. और रूह अफजा की कहीं कोई खबर नहीं है. आपको याद ही होगा, रूह अफजा का यह मशहूर विज्ञापन, ‘जरा घुलके… जरा मिलके…, ये है इंडिया मेरी जान, जिंदगी का टेस्ट बदलता है, जब इंडिया घुलता-मिलता है. रूह अफजा घुलके जियो’. लेकिन इस बार न तो विज्ञापन दिख रहा है और न ही घर-घर की पसंद रूह अफजा उपलब्ध है.
बता दें, खबर है कि रूह अफजा बनाने वाली कंपनी हमदर्द के मालिकों के बीच आपसी विवाद की वजह से प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. हालांकि कंपनी इस तरह की खबर को शुरू से ही खारिज कर रही है. लेकिन जिस से तरह रमजान आ जाने के बावजूद भी रूह अफजा नहीं मिल रहा है, उससे साफ लगता है कि कंपनी के भीतर सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
सप्लाई की बात कर पल्ला झाड़ रही है. लेकिन 17 अप्रैल से अभी तक तीन हफ्ते बीत चुके हैं और बाजार अब भी रूह अफजा का इंतजार कर रहा है.
हालांकि अब हमदर्द के चीफ सेल्स मंसूर अली का कहना है कि कुछ हर्बल सामानों की आपूर्ति की कमी की वजह से प्रोडक्शन रुक गया था. क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले हर्बल विदेश से आयात किए जाते हैं, आयात में कमी की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. उन्होंने कहा कि अगले एक हफ्ते के भीतर डिमांड और सप्लाई के अंतर को ठीक कर दिया जाएगा. मंसूर अली की मानें तो गर्मी में 400 करोड़ के इस ब्रांड की बिक्री 25 फीसदी तक बढ़ जाती है. अब जब कंपनी फिर एक हफ्ते में रूह अफजा आसानी से मिलने की बात कह रही है तो ग्राहकों में एक उम्मीद जगी है.
भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी रूह अफजा की काफी मांग है. गौरतलब है कि रूह अफजा का उत्पादन 1906 में हकीम हाफिज अब्दुल माजिद ने शुरू किया था. अब अब्दुल माजिद की तीसरी पीढ़ी यानी उनके पोते कंपनी को संभाल रहे हैं.
खबर है कि पोते अब्दुल मजीद और उसके कजीन हमद अहमद के बीच कंपनी के नियंत्रण को लेकर विवाद चल रहा है. हालांकि इसे केवल अफवाह बता रही है. रूह अफजा के मुकाबले में कई प्रोडक्टस बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन आज भी हर घर की पहली पसंद यही है.
(इनपुट आजतक)