मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली
हिंदुस्तान के सभी चुनाव में मुस्लिम मुस्लिम मतदाता ने लोकसभा की सभी सीटों के अलावा मुस्लिम बहुलक क्षेत्र से भी सेकुलर पार्टियों के उम्मीदवारों को वोट देकर इन्हें सदन में भेजा लेकिन परिणाम में मुसलमानों को कुछ नहीं मिला इन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं दी गई अन्य पार्टियों ने मुस्लिम उम्मीदवारों को पार्टी टाइमलाइन से ऊपर उठकर अपने क्षेत्र,जनता और धर्म के लाभ की बात नहीं करने दी इसलिए 70 में लोकसभा चुनाव में मुसलमानों को चाहिए कि वह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से मुस्लिम लीडरशिप वाली पार्टियों के उम्मीदवारों को वोट दें और उन्हें सदन में पहुंचाएं
इस विचार को व्यक्त मिल्लत टाइम्स में उपस्थित बुद्धिजीवियों ने किया और कांक्लेव में उपस्थित लगभग सभी पैनलिस्ट,अतिथि तथा गणमान्य लोगों ने साझा तौर पर मिल्लत टाइम्स के नजरिया से सहमति जताई के हिंदुस्तान में अब मुस्लिम लीडरशिप वाली सियासी पार्टियों पर भरोसा करते हुए उनके प्रतिनिधि को सदन तक पहुंचाना चाहिए और हमें उनको हर तरह से सपोर्ट करना चाहिए सेकुलर पार्टियों के उम्मीदवारों को वोट देने के बजाय मुस्लिम नेतृत्व वाली सेकुलर पार्टियों के उम्मीदवारों को वोट देना चाहिए और उनसे मांग किया जाए कि वह मुस्लिम नेतृत्व वाली पार्टियों को भी गठबंधन का हिस्सा बनाएं
वजह रहे की मशहूर वेब पोर्टल मिल्लत टाइम्स ने होटल रिवर व्यू जामिया नगर में पिछले दिन 30 मार्च को आम चुनाव 2019 में हिंदुस्तानी मुसलमानों का राजनीतिक रणनीति प्रक्रिया किया होना चाहिए के मुद्दे पर एक कांक्लेव का आयोजन किया जिसके प्रस्तावित शीर्षक निम्नलिखित थे, मुसलमानों की राजनीतिक हिस्सेदारी , प्रभावी प्रतिनिधि और सत्ता मे भागीदारी पर खुलकर बहस हुई इलेक्शन 2019 के मद्देनजर मुसलमानों के लिए बुद्धिजीवियों ,स्काॅलर और गणमान्य लोगों ने यह रणनीति तय किया के 70 सालों में हमने कांग्रेस, आरजेडी, sp-bsp,टीएमसी जेडीएस, सीपीएम, समेत लगभग सभी पार्टियों पर भरोसा किया उनके प्रतिनिधि को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से वोट देकर सदन में भेजा वर्तमान चुनाव में देश के लोकसभा की जिन सीटों पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ,सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया,वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया ,राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल समेत कई उल्लेखनीय मुस्लिम लीडरशिप वाली पार्टियों के प्रतिनिधि चुनाव लड़ रहे हैं वहां मुसलमानों को इन्हीं को पुरी तरह सपोर्ट करना चाहिए बड़ी संख्या में वोट देकर इन्हें पार्लियामेंट में पहुंचाना चाहिए
यह लोग हिंदुस्तान के मुसलमानों,कमजोर, मजलूम , अल्पसंख्यक, दलित और गरीबों का मजबूत आवाज होंगे – इन के हक की लड़ाई लड़ेंगे और नजरियाति स्तर पर हमारी वकालत करेंगे- बाकी अन्य सीटों पर आप सेकुलर पार्टी को वोट दीजिए उनके प्रतिनिधि को सदन तक पहुंचाइए
कॉन्क्लेव में यह बात भी बहस में आई के कांग्रेस और अन्य सेकुलर पार्टियां मुस्लिम नेतृत्व को उभरने नहीं देना चाहती है उनकी पहली कोशिश होती है कि मुसलमान राजनीतिक तौर पर कमजोर रहे अख्तियार और मोहताज बन कर रहे हालांकि पैनल में शामिल कांग्रेसी लीडर डॉक्टर शकील उजमा अंसारी पूर्व मंत्री बिहार सरकालर ने इसे खारिज कर दिया और कहा की कांग्रेसी मे सभी को एक-समान प्रतिनिधित्व हासिल है
वरीष्ठ पत्रकार जनाब ए यू आसिफ ने अपने भाषण में इस बात के लिए अपील की के वर्तमान चुनाव में मुस्लिम मतदाता कुछ सीटों पर सेकुलर मुस्लिम लीडरशिप वाली पार्टियों को वोट देकर जिताने का भी विश्लेषण करें और इन्हें सत्ता तक पहुंचाएं उन्होंने बताया कि पार्लियामेंट के रिकॉर्ड के मुताबिक मुस्लिम मेम्बरान पार्लियामेंट में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना बदरूद्दीन अजमल है इसकी वजह यह है कि यह दोनों एक आजाद पार्टी के लीडर हैं इन पर किसी का दबाव नहीं है ऐसी ही पार्टियों के प्रतिनिधि मुसलमानों के हक में बेहतर साबित होते हैं
प्रोफेसर अख्तरुल वासे साहब ने कहा मैं अख्तरुल वासे हूं और अख्तरूल ईमान पर यकीन रखता हूं ऐसे मुखलिस और हमदर्द लीडर को हम पार्लियामेंट में देखना चाहते हैं दरअसल उनका इशारा किशनगंज लोकसभा सीट से एम आई एम के उम्मीदवार अख्तर ईमान की ओर था
मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम वोटों को बांटने के बजाय इसे संयुक्त करने के लिए यह रणनीति तय कर रहे हैं क्योंकि कांग्रेस ने आसाम बिहार और यूपी समेत कई लोकसभा क्षेत्रों पर मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा कर दिया है जहां पहले से मुस्लिम सेकुलर पार्टियों के उम्मीदवार जीत हासिल कर रहे हैं ऐसे में यह अंदेशा है कि वहां का वोट बंट जाएगा और संप्रदायिक पार्टियों की आसानी से जीत हो जाएगी इसलिए ऐसी सीटों के लिए हम यह रणनीति तय कर रहे हैं कि वहां के मुस्लिम मतदाता मुस्लिम लीडरशिप वाली पार्टियों को एक होकर वोट दें
कॉन्क्लेव के श्रृंखला शेसन में एडवोकेट महमूद पराचा सीनियर वकील सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया – मशहूर विश्लेषक मोहतरमा तस्नीम कौशर जनरल सेक्रेट्री महिला- एडवोकेट सर्फुद्दीन अहमद उपाध्यक्ष एसडीपीआई – जनाब कलीमुल हफीज चेयरमैन अलहाफिज एजुकेशनल अकैडमी – मुफ्ती एजाज अरशद कासमी मेंबर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड -मशकूर अहमद उस्मानी पूर्व अध्यक्ष एएमयू स्टूडेंट यूनियन – डॉक्टर शकील अल जमा अंसारी पूर्व मंत्री बिहार सरकार – मशहूर विश्लेषक मौलाना अबिदुर रहमान आबिद – सीनियर पत्रकार मोहतरमा शबनम सिद्दीकी – डॉक्टर अब्दुल कादिर शम्स सीनियर सब एडिटर रोजनामा सहारा – बलीग नोमानी प्रवक्ता एम आई एम – इंटरनैशल विश्लेषक अख्तरूल इस्लाम सिद्दीकी – सीनियर पत्रकार कासिम सैयद चीफ एडिटर रोजनामा खबरें नई दिल्ली – डॉ खालिद आजमी कुव्वैत – डॉ मंजर इमाम – डॉक्टर मुजफ्फर हुसैन गजाली – समेत कई बुद्धिजीवी, स्कॉलर्स ने पैनल डिस्कशन में भाग लिया – मुद्दे से संबंधित सवाल किया और चर्चा हुआ-फैसल नजीर और शबीना ने निजामत का कर्तव्य निभाया
इसके अलावा मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी – रोजनामा खबरें के चीफ एडिटर कासिम सैयद और मिल्लत टाइम्स के सब एडिटर मोहम्मद अंजर आफाक ने कई सेशन मे एंकरिंग का का कर्तव्य निभाया – सबसे पहले मोहम्मद अफसर अली की तिलावत से कॉन्क्लेव का शुभारंभ हुआ मिल्लत टाइम्स कॉन्क्लेव की वीडियो मिल्लत टाइम्स के युटुब चैनल और फेसबुक पेज पर भी प्रकाशित की जाएगी ताकि वह लोग भी इसका लाभ ले सके जो यहां उपस्थित नहीं हो पाएं