JNU नारेबाजी कांड से मिली सुर्खियों ने कन्हैया को बेगूसराय से दिलवा दिया टिकट,जानिए दिलचस्प सफरनामा

मिल्लत टाइम्स:जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्हें सीपीआई ने बिहार के बेगूसराय से टिकट दिया है। इसके साथ ही कन्हैया की राजनीति में सीधी एंट्री हो गई है। कन्हैया बेगूसराय से भाजपा के बड़े नेता गिरिराज सिंह को टक्कर दे सकते हैं जिन्हें यहां से टिकट दिए जाने की चर्चा है। आइए जानते हैं कौन है कन्हैया कुमार।

कैसे मिली चर्चा?

9 फरवरी 2016 को जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से लगे देशद्रोही नारों के मामले ने कन्हैया कुमार को चर्चा में ला दिया था। इस मामले में पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया था। तीन साल पहले इस मामले की गूंज पूरे देश में हुई थी। इसी घटना से कन्हैया कुमार को पूरे देश में पहचान मिली और अब बेगूसराय से सीपीआई ने टिकट दिया है।

कन्हैया कुमार का जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के एक गांव में हुआ था। उनका गांव तेघरा विधानसभा क्षेत्र में आता है, जहां सीपीआई का प्रभाव है। उनका परिवार जिले के बरौनी प्रखंड के बीहट में रहता है। कन्हैया की पढ़ाई बरौनी के आरकेसी हाई स्कूल में हुई।

कन्हैया ने 2002 में पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया था। यहीं से राजनीति की शुरुआत की। पटना में पढ़ाई करते हुए ही कन्हैया अखिल भारतीय छात्र फेडरेशन के सदस्य बने।

पटना में परास्नातक कोर्स खत्म करने के बाद दिल्ली के जेएनयू में अफ्रीकन स्टडीज के लिए पीएचडी में दाखिला लिया। यहां वह 2015 में छात्रसंघ का अध्यक्ष चुने गए। कन्हैया एक बेहतरीन वक्ता हैं। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव से एक दिन पहले दी गई उनकी स्पीच को ही उसकी जीत का कारण माना जाता है।

कन्हैया कुमार को जेएनूय में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर हुए एक कार्यक्रम के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि इस कार्यक्रम में भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक नारे लगे। इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट भी तैयार की है जिसे केजरीवाल सरकार की मंजूरी का इंतजार है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity