मानवाधिकार संगठन NCHRO ने मोहम्मद रमजान की हिरासत की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में दिया ज्ञापन

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली 29 अप्रैल 2019।
मनावाधिकार संगठन नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआर ओ) ने आज राजस्थान के कोटा जिले में न्यायिक हिरासत के दौरान हुई मोहम्मद रमज़ान की संदिग्ध मौत के मामले में
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में एक ज्ञापन दिया। संगठन के दिल्ली कमेटी के सदस्य *अज़ीम नवेद* ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष एड्वोकेट अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने ये ज्ञापन दिया। अज़ीम नवेद ने बताया कि

राजस्थान के बारां जिले के माँगरोल कस्बे के निवासी मोहम्मद रमजान की पुलिस पिटाई से कोटा जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। मृतक रमज़ान पर 1987 का एक मुकदमा कोर्ट मे धारा 307 का चल रहा था। हाईकोर्ट से नो माह पहले दो वर्ष की सज़ा हुई थी ।मृतक 9 माह से बारां राजस्थान के कारागार मे सज़ा काट रहा था लेकिन इसी दौरान जेल मे ही तबीयत खराब हुई जिसका लगातार इलाज़ चल रहा था और मृतक का परिवार कई माह से हॉस्पिटल और जेल के चक्कर काट रहा था । मृतक की जमानत की लिये पिछले साल दिसम्बर में सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई थी।जिसकी निगरानी मृतक के बेटे मोहम्मद रिज़वान की लिखित गुज़ारिश पर संगठन के *एड्वोकेट अन्सार इन्दौरी* ने की थी। मृतक का बेटा रिज़वान जमानत के लिए लगातार संगठन के सम्पर्क में था।

बीच में मृतक को एक बार पैरोल भी हुई थी। इसके बाद जिला कलेक्टर के माध्यम से मृतक की सज़ा माफी की फ़ाइल प्रशासन और राज्यपाल तक पहुंचायी जा चुकी थी।कुछ दिनों पहले मृतक रमजान की जब तबीयत खराब हुई तो जेल प्रशासन के द्वारा मृतक को कोटा राजस्थान के मेडिकल कॉलेज के कैदी वॉर्ड मे भर्ती करवाया गया था। परिजनो को जब इसकी सूचना मिली तो मृतक रमजान की पत्नी और उनके दो पुत्र उनसे मिलने के लिए कोटा पहुंचे लेकिन वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा परिजन के साथ बदसलूकी की गयी और परिवार वालों को मृतक से मिलने नहीं दिया गया।मिलने की एवज में पुलिस कर्मियों के द्वारा रिश्वत के 500 रुपये की मांग हुई।परिवार वालो ने देने से मना कर दिया इसी बात को लेकर उनके परिजनो की वहां तैनात पुलिस कर्मियों के साथ कहा सुनी हुई और उन्होने इसकी शिकायत कोटा के कुछ साथियो और प्रशासन से की जिसके कारण रात मे उन कर्मियों के द्वारा नशे में मृतक रमजान के साथ बुरी तरह मारपीट की गई और उन्हे जंजीर से बांधकर उल्टा कर पाइप से बुरी तरह मारा गया जिसके कारण रमजान की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गयी जिस पर अगले ही दिन उन्हे जयपुर एसएमएस रैफर कर दिया गया।
जयपुर में जब तबीयत मे सुधार हुआ तो पूरी घटना का ब्योरा मृतक ने घर वालो और मीडिया के लोगों को दिया। मरने से पहले रमज़ान ने एक विडियो क्लिप में बताया था कि पुलिस कर्मियों ने उसे धमकी दी हे कि वो इसके बारे मे किसी को ना बताए।मृतक को टोपी, दाढ़ी और धर्म को लेकर अपशब्द कहे गए।दो दिन बाद ही बिना परिवार वालों को बताए पुलिस वालों ने मृतक को डिस्चार्ज करवा लिया । जयपुर से गुपचुप तरीके से रमज़ान को कोटा ले आए । तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर वापस कोटा मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जहां 26 अप्रैल की रात को रमज़ान की मौत हो गईं।

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष *एड्वोकेट अमित श्रीवास्तव* ने बताया कि हमने आयोग से मांग की है कि इस मामले में पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाये। जिन पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप है उनके खिलाफ् हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। दिल्ली यूनिवर्सिटी की *प्रोफेसर भावना बेदी* ने बताया कि मोहम्मद रमज़ान नफरत की राजनीति के शिकार हुए है।आरोपित पुलिस कर्मियों ने उन पर धर्म के आधार पर शाररिक हमला किया और अपशब्द कहे।उन्होंने कहा कि आज राजकीय कर्मचारी भी साम्प्रदायिकता की मानसिकता के चलते कानून हाथ में लेने से नहीं डरते। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और पत्रकार *सिद्दीक़ काप्पन* ने बताया कि राजस्थान पुलिस इस मामले को बिमारी से हुई मौत बता रही है।जबकि हकीकत ये है कि बिमारी की दौरान जो रमज़ान पर शाररिक हमला हुआ उसके कारण मृतक की तबियत ज्यादा खराब हुई और उनकी मौत हो गई। मानवाधिकार आयोग के सूत्र ने सी मिली जानकारी के मुताबित आयोग जल्द ही इस मामले में कार्यवाही करेगा।

भवदीय
अज़ीम नवेद
सदस्य
नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) दिल्ली प्रदेश

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity