NIA द्वारा PFI के 100 ज्यादा बड़े नेताओं की गिरफ्तारी, कार्यकर्ताओं ने कहा-एजेंसी को छापेमारी में क्या मिला बताए…

नई दिल्ली, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 11 राज्यों में पीएफआई के कार्यालयों और राज्य और जिला स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी की। साथ ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कम से कम 100 नेताओं और मशहूर मुस्लिम हस्तियों को गिरफ्तार किया। .

यह गिरफ्तारियां आंध्र प्रदेश (5), असम (9), दिल्ली (3), कर्नाटक (20), केरल (25), मध्य प्रदेश (4), महाराष्ट्र (20), पुडुचेरी (3), राजस्थान (2) में हुई। वहीं तमिलनाडु  में (10) और उत्तर प्रदेश (8) नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बता दें पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम, उपाध्यक्ष ईएम अब्दुल रहिमन, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम और केरल इकाई के अध्यक्ष सीपी मुहम्मद बशीर को हिरासत में लिया गया।

पूर्व पीएफआई प्रमुख और एसडीपीआई के संस्थापक अध्यक्ष एरापुंगल अबुबकर और अनुभवी पत्रकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (एनसीएचआरओ) के महासचिव प्रोफेसर पी कोया को भी केरल से NIA ने गिरफ्तार किया।

एनआईए द्वारा छापेमारी के दौरान हिरासत में लिए गए कई लोगों को गुरुवार शाम पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जबकि पीएफआई के पांच गिरफ्तार सदस्यों को एटीएस की टीम ने आज मुंबई में सत्र अदालत लाया गया।  जांच एजेंसी ने पीएफआई के दिल्ली प्रमुख परवेज अहमद और उनके भाई को भी गुरुवार सुबह साढ़े तीन बजे ओखला से गिरफ्तार किया।

राज्य पुलिस, एनआईए, ईडी और सीएपीएफ के 1500 कर्मी छापेमारी में शामिल थे, जो सुबह 1 बजे शुरू हुआ और कहा जाता है कि एएनआई के अनुसार सुबह 5 बजे तक समाप्त हो गया। एनआईए के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि एनआईए मामलों में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को ट्रांजिट रिमांड औपचारिकताओं के बाद गुरुवार शाम को दिल्ली लाया जाएगा।

वहीं सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद इसके विरोध में PFI  के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। राजस्थान के कई जिलों में इसका विरोध किया गया। कोटा में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम हक के साथ खड़े रहेगे। NIA,ED  से हम नही डरने वाले, हमारे नेताओं को सच बोलने पर उठाया गया है, हम उनके साथ खड़े है।

सरकार NIA,ED का दुरुपयोग कर रही है। कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि बीजेपी सरकार RSS के इशारों पर काम कर रही है। PFI ने हमेशा हक की आवाज उठाई है और उठती रहेगी। वहीं केरल में PFI के कार्यकर्ताओं ने कल हड़ताल करने का ऐलान किया है, कहा जा रहा यह अवैध गिरफ्तारी की गई है।

बता दें  दो दिन पहले, यानी मंगलवार को NIA ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 38 स्थानों पर तलाशी ली थी, जिसके बाद अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत चार पीएफआई पदाधिकारियों पर आरोप लगया गया है।

वहीं कई मुस्लिम समूहों ने गुरुवार को एनआईए और ईडी द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालयों (पीएफआई) और 11 राज्यों में पीएफआई राज्य और जिला स्तर के नेताओं के घरों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की निंदा की।

PFI की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद (एनईसी) ने एनआईए और ईडी द्वारा देशव्यापी छापेमारी की निंदा करते हुए, भारत भर में राष्ट्रीय और राज्य के नेताओं की गिरफ्तारी को “अन्यायपूर्ण” और “संगठन के सदस्यों और समर्थकों के खिलाफ डायन-हंट” कहा। बयान में कहा गया है, ‘एनआईए के निराधार दावे और सनसनी का मकसद पूरी तरह से आतंक का माहौल बनाना है।’

“पॉपुलर फ्रंट के एनईसी ने कहा कि अधिनायकवादी शासन द्वारा इस तरह की डराने वाली रणनीति से कभी नहीं डरेगा जो केंद्रीय एजेंसियों को अपनी कठपुतली के रूप में उपयोग करता है। संगठन अपने स्टैंड और लोकतांत्रिक मूल्यों और हमारे प्यारे देश के संविधान की भावना को बहाल करने के संघर्ष पर अडिग रहेगा”।

बता दें NIA ने यह कार्रवाई हाल ही में PFI की एक कॉन्फ्रेंस के बाद की है। केरल में एक बड़ी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, जिसमें अनीस अहमद समेत PFI के तमाम बड़े लीडर शामिल थे। PFI से जुड़े लोगों का कहना है कि यह अवैध कार्रवाई की गई, क्योंकि सरकार हमारे संगठन को खत्म करना चाहती है, मुसलमानों के अवाज उठाने पर हमे दबाया जा रहा है। लीडरों के घरो पर जो छापेमारी की गई है, क्या मिला है NIA बताए।

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