जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राज्य में अर्थव्यवस्था और कारोबार को मजबूती देने के लिए 1350 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है.
इस पैकेज की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई है.
पैकेज के तहत औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली में एक साल के लिए फिकस्ड डिमांड चार्जेस पर 50% की छूट दी गई है.
इसके अलावा पर्यटन के कारोबार में लगे लोगों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.
पैकेज के मुताबिक अच्छी कीमत और भुगतान के विकल्प के साथ पर्यटन क्षेत्र में लोगों को वित्तीय सहायता के लिए जम्मू और कश्मीर बैंक द्वारा कस्टम हेल्थ-टूरिज़्म स्कीम बनाई जाएगी. इसके अलावा कर्ज़दारों के लिए मार्च 2021 तक स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई है.
हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योगों में काम कर रहे लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत अधिकतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है.
उन्हें पांच प्रतिशत की ऋण माफ़ी दी जाएगी. ये ऋण माफ़ी छोटे और बड़े दोनों कारोबारियों को मिलेगी. इस योजना में तकरीबन 950 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह धनराशि अगले छह महीनों के लिए इस वित्त वर्ष में उपलब्ध रहेगी.
उपराज्पाल ने पैकेज की घोषणा करते हुए कहा, ”मैं समझता हूं कि आज तक कभी इतना बड़ा आर्थिक पैकेज नहीं बनाया गया था जिसमें वित्तीय और प्रशासनिक इकाइयों के माध्यम से कारोबारी समुदाय को राहत दी जा रही है. व्यापार होगा तो ना केवल जम्मू-कश्मीर की आम जनता को रोजगार मिलेगा बल्कि छोटे स्तर पर काम करके आजीविका चलाने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी.”
उन्होंने कहा, ”पहला चरण है आत्मनिर्भर भारत. आज संघ राज्य क्षेत्र ने जो निर्णय किया है ये दूसरा चरण है और इससे बहुत बड़ा तीसरा चरण अभी आने वाला है. यहां की नई औद्योगिक नीति भारत सरकार ने तैयार कर ली है, मैं उम्मीद करता हूं कि जल्दी उसकी घोषणा होगी.’
सरकार ने यह भी कहा है कि बस ड्राइवर, कडंक्टर, ऑटो, टैक्सी ड्राइवर जिन्होंने अपना रोजगार खो दिया है उनकी भी मदद करने के लिए एक कार्य संरचना बनाई गई है.
यह भी निर्णय लिया गया है कि हाउस बोट मालिकों और ट्रांसपोर्टर्स को मदद दी जाए. उनके पुराने हो चुके वाहन को बदलने और इंश्योरेंस में जो भी सहायता की जा सकती है, उसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा.
जम्मू और कश्मीर से पांच अगस्त 2019 को धारा 370 हटा दी गई थी. इसके बाद राज्य का पुनर्गठ करते हुए इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.