मॉनसून सत्र: प्रश्नकाल पर नाराज़ विपक्ष को सरकार का जवाब, हम बहस से भाग नहीं रहे हैं

“ये एक असाधारण परिस्थिति है. जब विधानसभाओं की बैठक एक दिन के लिए नहीं हो पा रही है, हम 800-850 सांसद यहां मिल रहे हैं. सरकार से सवाल पूछने के कई रास्ते हैं. सरकार बहस करने से बच नहीं रही है.”

प्रश्नकाल के बिना संसद की कार्यवाही चलाने का मुद्दा सोमवार को शुरू हुए मॉनसून सत्र के पहले दिन इतना गर्म रहा कि संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को विपक्ष को समझाने के लिए सामने आना पड़ा.

लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रश्नकाल ख़त्म करने पर कहा, “प्रश्नकाल तो स्वर्णकाल होता है लेकिन आप कह रहे हैं कि हालात के कारण इसे नहीं किया जा सकता. आप संसद की कार्यवाही तो चला रहे हैं लेकिन प्रश्नकाल को ख़त्म करके. आप लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं.”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नाराज़ सदस्यों को भरोसा दिलाने की कोशिश करते हुए संकेत दिया कि शून्य काल का इस्तेमाल सरकार से सवाल पूछने के लिए किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, “ज़्यादातर राजनीतिक दलों के नेता इस बात पर सहमत थे कि प्रश्न काल न हो और शून्यकाल के लिए 30 मिनट का समय रहे. हम अध्यक्ष महोदय की इस फ़ैसले के लिए सराहना करते हैं. मेरी अपील है कि वे सत्र चलाने में सहयोग दें क्योंकि इसका आयोजन एक असाधारण समय में किया जा रहा है.”

संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है और उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया के सामने आए. उन्होंने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से कहा कि लंबे अंतराल के बाद सब दिखाई दे रहे हैं और पूछा, “आप सब ठीक है ना, आप और आपके परिवार पर कोई संकट तो नहीं आया?

लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ बोलता, नरेंद्र मोदी संसद सत्र के बारे में बताने लगे. उन्होंने कहा कि “कोरोना भी है और कर्तव्य भी. सभी सांसदों ने कर्तव्य को चुना है इसके लिए उनका अभिनंदन और धन्यवाद करता हूं.”

उन्होंने सेना को लेकर सांसदों से आग्रह किया, “इस सत्र की एक विशेष ज़िम्मेदारी है कि आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बुलंद हौसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों में डटे हुए हैं और कुछ समय बाद बर्फ़ भी गिरेगी.”

“जिस विश्वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं, ये सदन भी, सदन के सभी सदस्य एक स्वर से, एक भाव से ये संदेश देंगे कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है, संसद और सांसदों के माध्यम से खड़ा है, ऐसा मेरा विश्वास है.”

उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर पत्रकारों से भी कहा कि “ख़बरें तो आपको मिल जाएंगी लेकिन खुद को ज़रूर संभालना, ये मेरी आपको पर्सनल प्रार्थना है.”

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शम्स तबरेज़ क़ासमी मिल्लत टाइम्स ग्रुप के संस्थापक एंड चीफ संपादक हैं, ग्राउंड रिपोर्ट और कंटेंट राइटिंग के अलावा वो खबर दर खबर और डिबेट शो "देश के साथ" के होस्ट भी हैं सोशल मीडिया पर आप उनसे जुड़ सकते हैं Email: stqasmi@gmail.com