दो सौ विधायक-पच्चीस लोकसभा व दस राज्य सभा सदस्यों का दिल भी अभी तक रमजान की मौत पर नही पसीजा।
अशफाक कायमखानी।जयपुर।
राजस्थान के अलवर जिले मे एक युवती के साथ गैंगरेप करने की घटना जब अखबारात की प्रमुख सूर्खियां बनी तो राज्य सरकार ने पीडित को सरकारी नौकरी व अपराधियों की तूरंत गिरफ्तारी के अतिरिक्त जिले मे दो पुलिस अधीक्षक लगाने सहित अनेक तरह के आदेश जारी करने के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व काग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट सहित अनेक नेताओं को साथ लेकर पीडित युवती के घर जाकर मिलने को एक अच्छा प्रयास माना जा रहा है। लेकिन पीछले महिने बांरा जिले के मांगरोल निवासी कैदी रमजान के इलाज के लिये कैदी वार्ड मे भर्ती को पुलिस गार्डो ने पाईप से पीट पीट कर मारने की घटना के आहत परिवारजनो से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व राहुल गांधी मृतक रमजान के परिवार से मिलकर उनको भी इंसाफ दिलाने की बात कह देते तो बेहतर होता।
जानकारी अनुसार 27-अप्रेल को केंद्रीय कारागृह कोटा से कोटा के थाना महावीर नगर में जिला कारागृह बांरा के दण्डित बन्दी की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई । मांगरोल जिला बारां निवासी मोहम्मद रमजान पुत्र अलीमुद्दीन (52) को बीमार होने के कारण उपचार हेतू न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा के कैदी वार्ड में भर्ती किया गया था एवं बन्दी का 19 अप्रेल से न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा के कैदी वार्ड में उपचार करवाया जा रहा था । न्यू मेडिकल कॉलेज से रमजान को 21 अप्रेल को उपचार हेतु एसएमएस हॉस्पीटल, जयपुर रेफर किया गया। उपचार उपरान्त बन्दी को 26 अप्रेल को एसएमएस हॉस्पीटल से पुनः न्यू मेडिकल कॉलज कैदी वार्ड कोटा में भर्ती करवाया गया। कैदी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे आई.सी.यू वार्ड में शिफ्ट किया गया व रात्रि 10.50 बजे डॉक्टर द्वारा बन्दी को मृत घोषित कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि दंडित बंदी मोहम्मद रमजान जिला कारागार बारां में 28 अगस्त 2018 से सजा भुगत रहा था व जिला कारागार बारां में प्रवेश से पूर्व भी गंभीर बीमारी से ग्रसित था । बंदी का चिकित्सा अधिकारियों की राय के अनुसार उपाधीक्षक जिला कारागार बारां द्वारा नियमित रूप से उपचार करवाया जा रहा था। बंदी रमजान को जेल ओपीडी में 29 अगस्त 2018 , 26 अक्टूबर व 29 अक्टूबर को तथा 2 नवंबर को राजकीय चिकित्सालय बारां, 4 नवंबर को न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा, 7 जनवरी 2019 को राजकीय चिकित्सालय बारां, 27 जनवरी को न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा, 30 जनवरी को एमबीएस अस्पताल कोटा, 12 फरवरी को न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा, 14 फरवरी को न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा, 25 फरवरी से 7 मार्च तक न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा में उपचार करवाया गया। लीवर एवं डायबिटीज के जांच हेतु 7 मार्च से 21 मार्च तक 15 दिन का पैरोल स्वीकृत हुआ। पैरोल अवधि के समाप्ति के बाद बारां जेल में दाखिल होने के पश्चात बंदी की स्थिति अनुसार उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालय में भिजवाया गया व 23 मार्च को उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालय बारां द्वारा न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा के लिए रेफर किया गया। केंद्रीय कारागृह कोटा की इस रिपोर्ट पर मर्ग संख्या 9/2019 अन्तर्गत धारा 176 दप्रस थाना महावीर नगर जिला कोटा शहर पर दर्ज की गयी।
राजस्थान मे सो विधायक कांग्रेस के, तेराह निर्दलीय विधायक, छ बसपा व दो माकपा व भाजपा के मिलाकर कुल दोसो विधायकों के अलावा, पच्चीस लोकसभा व दस राज्य सभा के सदस्यों मे से किसी एक का भी अभी तक रमजान की मोत पर दिल नही पसीजा है।रमजान के परिजनों को इंसाफ व मोत के जिम्मेदारो को सजा दिलाने के लिये एक भी आवाज अभी तक नही निकल पाई हे। दोसो विधायकों मे आठ मुस्लिम विधायक भी है जिनकी रमजान के मामले मे जबान चिपकी हुई है।
अशोक गहलोत की पीछली सरकार के कार्यकाल मे सवाईमाधोपुर जिले मे सीकर के खीरवा गावं निवासी होनहार पुलिस अधिकारी फूल मोहम्मद को जींदा चलाने के बाद आजतक अशोक गहलोत सरकार मे मुख्यमंत्री रहते व हटने के बाद सांत्वना तक देने फूल मोहम्मद के घर तक नही गये। दूसरी तरफ पीछले महिने जैल कर्मियों द्वारा जयपुर जैल मे बंदियों के साथ बूरी तरह मारपीट करने की शिकायत उनके परिवारजनों ने सरकार तक पहुंचाने के बावजूद उस मामले मे भी कुछ भी नही हुवा है।
मांगरोल के मृतक रमजान के गरीब व असहाय परिवारजन अब इंसाफ पाने के लिये जद्दोजहद करते नजर आने के अलावा उन तक सरकार का ना कोई नूमाईंदा ओर ना ही मुख्यमंत्री को जाकर सांत्वना देने की फूर्सत मिली है। और ना ही रमजान की मौत अब तक अखबारात की सूर्खियां बन पा रही है। कुछ लोग तो यहां तक कहते है कि रमजान अल्पसंख्यक समुदाय से है तो मुख्यमंत्री व राहुल गांधी का उसके घर जाना कैसे सम्भव हो सकता है।