देश में आर्थिक मंदी से हर सेक्टर का बुरा हाल है। अर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा ऑटो सेक्टर प्रभावित हुआ है। यही वजह है कि ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनियां काम बंद करने को मजबूर हैं। मारुति सुजुकी के बाद ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी अशोक लेलैंड ने काम बंद करने की आधिकारी घोषणा कर दी है। कंपनी ने पांच प्लाट में काम बंद करने की घोषणा की है। एन्नोर में 16 दिन, होसुर में 5 दिन, अलवर में 10 दिन, भंडारा में 10 दिन और पंतनगर में 18 दिन तक अशोक लेलैंड के प्लांट बंद रहेंगे। कंपनी ने यह फैसला व्यावसायिक वाहनों की मांग में कमी को देखते हुए लिया है। अशोक लेलैंड की कुल बिक्री अगस्त में 70 फीसदी घटकर 3,336 ट्रक रह गई थी। पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 11,135 ट्रक बेचे थे।
कंपनी द्वारा पांच प्लांट में इतने लंबे समय तक काम बंद करने का असर कर्मचारियों पर पड़ने वाला है। कंपनी के हजारों कर्मचारियों को बैठना पड़ेगा। हालांकि कंपनी की तरफ यह नहीं बताया गया है कि जिस दौरान प्लांट में काम बंद रहेगा उस दौरान कर्मचारियों की सैलरी रोक दी जाएगी या फिर उन्हें इन दिनों की सैलरी दी जाएगी।
देश में मंदी की वजह से अब तक लाखों नौकरिया जा चुकी हैं। रोजगार देने में मोदी सरकार बुरी तरह से फेल हुई है। सीएमआईई के ताजा आंकड़ों से के अनुसार, भारत की बेरोजगारी दर फरवरी 2019 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत तक पहुंच गई। यह सितंबर 2016 के बाद की उच्चतम दर है, फरवरी 2018 में बेरोजगारी दर 5.9 प्रतिशत रही थी।
अशोक लेलैंड से पहले मारुति सुजुकी ने दो दिन गुरुग्राम के प्लांट में दो दिन तक प्रोटक्शन बंद करने का फैसला लिया था। इसके अलावा जापानी वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा मोटर और दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई मोटर को भी बिक्री में गिरावट को देखते हुए गाड़ियों का प्रोडक्शन रोकना पड़ा था।
टोयोटा ने 16 और 17 अगस्त को बेंगलुरु प्लांट में प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया था। वहीं हुंडई ने भी 9 अगस्त को अपने प्लांट में प्रोडक्शन बंद करने का ऐलान किया था। गौरतलब है कि वाहन बाजार में मंदी जारी है। अगस्त के महीने में वाहनों की बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं कार और बाइक की बिक्री पिछले दो दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
(नवजीवन,इनपुट)