नई दिल्ली, कर्नाटक के बेंगलुरु विश्वविद्यालय परिसर के अंदर एक मंदिर के निर्माण का मामला सामने आया है। जहां कई छात्रों ने इसका विरोध किया और अधिकारियों से बात की।
छात्रों कहना है कि हमने लाइब्रेरी की मांग की थी मंदिर की नहीं। छात्रों ने कहा कि किसी राजनैतिक प्रभाव में आकर बिना राय मशविरा के यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने यह एकतरफा फैसला लिया है। दरअसल यूनिवर्सिटी परिसर में जो मंदिर ज्ञान भारती सामुदायिक हाल के सामने मौजूद था उसे सड़क चौड़ी करने के लिए तोड़ दिया गया था।
मैसूर रोड पर मल्लथहल्ली में एक गणेश मंदिर हुआ करता था। ये जनभारती कैम्पस में पड़ता था। सड़क के चौड़ीकरण के चलते यूनिवर्सिटी को मंदिर ध्वस्त करना पड़ा और इसे अब विश्वविद्यालय में बनाया जा रहा है। विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि मंदिर यूनिवर्सिटी के किसी कोने में एक तरफ़ बनना चाहिए, ना कि यूनिवर्सिटी के किसी प्रमुख स्थान पर। यूनिवर्सिटी के प्रमुख स्थान पर मंदिर होने की वजह से यहां के पढ़ाई के माहौल पर असर पड़ेगा, जो कि सांप्रदायकिता और दूसरी समस्याएं बढ़ा सकता है।
छात्र संघ के उपाध्यक्ष लोकेश राम ने कहा कि अदालत का आदेश है कि किसी भी सार्वजिनक संस्थान में कोई धार्मिक ढांचा नहीं बनाया जाना चाहिए। यूनिवर्सिटी के वीसी जयकारा शेट्टी ने कहा कि मंदिर निर्माण का काम रोकने को कहा गया है।
हम सिंडिकेट की बैठक में चर्चा करेंगे कि मंदिर कहां बनाया जाना चाहिए। इससे पहले एक सरकारी आदेश पर बुधवार को मंदिर का निर्माण कार्य शुरु किया गया था। उन्होंने कहा कि बीयू की जिस ज़मीन पर पहले मंदिर बना था उसका निर्माण सड़क चौड़ीकरण के लिए किया गया था, और तब ये सहमति बनी थी कि सरकार परिसर के अंदर एक निर्माण करेगी।
कर्नाटक: बेंगलुरु विश्वविद्यालय परिसर के अंदर एक मंदिर के निर्माण का मामला सामने आने के बाद वहां कई छात्रों ने इसका विरोध किया और अधिकारियों से बात की। वे छात्र वहाँ मंदिर कि जगह पुस्तकालय बनाने की मांग कर रहे हैं…pic.twitter.com/vgcEdyLvFJ
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) September 8, 2022