संत रविदास मंदिर को दोबारा से बनवाने के लिए मुस्लिम समुदाय आया आगे,किया शान्ति मार्च

प्रेस विज्ञप्ति,15/9/2019
नई दिल्ली, 15 सितंबर, आज बड़ी संख्या में मुसलमानों ने दलित और पिछड़े समाज के लोगों के समर्थन में दिल्ली के तुगलकाबाद में गुरु रविदास स्मारक और मंदिर के विध्वंस के खिलाफ मौन विरोध प्रदर्शन किया और मांग की की मंदिर को तुरंत फिर से बनाया जाये और भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद और उनके 95 साथियों को तुरंत जेल से बिना शर्त रिहा किया जाये। यह प्रदर्शन सरकार की तरफ से सख्त पाबंदियों और रुकावटों के बावजूद रविवार को हमदर्द यूनिवर्सिटी से रविदास मंदिर स्थल तक आयोजित किया गया।
इस मौके पर सरकारी मशीनरी और पुलिस का भरपूर दुरुपयोग किया गया, बैरिकेड्स लगाए गए और पूरी कोशिश की गयी की हजारों मुसलमानों को मौन विरोध स्थल तक न पहुँचने दिया जाये। लेकिन आने वाले लोग दलित-मुस्लिम एकता का भरपूर प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ते चले गए। सरों पर टोपी और दाढ़ी रखने वाले लोगों को सभी मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप पर रोक दिया गया और यहां तक ​​कि निजी वाहनों में भी पूछताछ की गई और पूरे शहर में और विशेष रूप से मौन मार्च स्थल के आसपास के इलाकों में बंद कर दिया गया था।

पुलिस ने मौन प्रदर्शन को रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों को वापस जाने के लिए मजबूर किया और हद उस वक्त हो गयी जब लखनऊ की टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम फ़ज़लुर मन्नान की कार को रोका गया और उन्हें दो किलो मीटर पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया। पूरे इलाके को किले में बदल दिया गया था जिसमें हजारों पुलिसकर्मी वाटर कैनन और बैरिकेड्स के साथ तैनात थे। लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में दंगा कण्ट्रोल करने वाले पुलिस कर्मी तैनात थे। फिर भी हजारों मुसलमानों ने मौके पर पहुंचकर गुरु रविदास मंदिर के मूल स्थल की ओर मौन मार्च निकाला।

मौन मार्च का नेतृत्व जनाब महमूद प्राच (एडवोकेट और सोशल एक्टिविस्ट) बहादुर अब्बास नकवी (महासचिव अंजुमन ई हैदरी कर्बला जोर बाग) मौलाना अब्दुल मन्नान (शाही इमाम टीले वली मस्जिद लखनऊ) मौलाना कासिम जैदी (शाही इमाम जोर बाग) ने किया। प्रदर्शनकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति से अपील की की में देश का मुस्लिम समुदाय अनुसूचित जाति समुदाय के प्रति अपनी एकजुटता और पीड़ा व्यक्त करता है, जिसे वे तुगलकाबाद दिल्ली में गुरु रविदास स्मारक से संबंधित प्राचीन मंदिर और समाधियों के विध्वंस के कारण महसूस कर रहे हैं।

इस मौके पर बहादुर अब्बास नकवी (महासचिव अंजुमन ई हैदरी कर्बला जोर बाग) ने कहा की मुस्लिम समुदाय मांग करता हैं कि रविदास मंदिर और समाधि सहित सभी पुरानी पुरानी संरचनाओं की उनके मूल स्थानों पर बिना शर्त पुनर्स्थापना की जाए और 100 एकड़ भूमि वापस की जाए, जिसे सुल्तान सिकंदर लोदी ने मंदिर को उपहार किया था। सुल्तान सिकंदर लोदी दरगाह शाह इ मर्दान करबला जोर बाग का भक्त था जिनकी कब्र आज भी कब्रिस्तान में मौजूद है जिसे अब लोधी गार्डन के नाम से जाना जाता है। परंपरा और रिवायत साफ़ तौर से दरगाह शाहे मर्दन के अनुयायी सुल्तान सिकंदर लोदी की तरफ से 100 एकड़ भूमि के उपहार में दिए जाने को बताती है।बहादुर अब्बास ने आगे कहा की मुस्लिम समुदाय भारत सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के बारे में माननीय अदालतों को गुमराह करने के लिए उस से बिना शर्त माफी चाहता है, जिसके नतीजे में प्राचीन मंदिर को गिराया गया है।

मुस्लिम समुदाय ने भीम आर्मी के नेता चंद्र शेखर आज़ाद और उनके 95 साथियों की बिना शर्त रिहाई और उनके खिलाफ दायर सभी आपराधिक मामलों को वापस लेने और और प्रत्येक को 1 करोड़ के मुआवजे की मांग भी की है। इसके अलावा सरकार में दुष्टऔर मनुवादी तत्वों को चेतावनी दी है की अगर उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया जाता है, तो मुस्लिम समुदाय बाबा भीम राव अंबेडकर साहब द्वारा दिखाए गए तरीके से अपने अनुसूचित जाति के भाई और बहनों के साथ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।

इस मौके पर मौन प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ वकील महमूद प्राचा ने घोषणा की अब मुस्लिम समुदाय अनुसूचित जाति समुदाय के मुद्दों और मांगों के लिए खड़ा होगा और संघर्ष करेगा। राष्ट्रव्यापी विरोध के बारे में यह घोषणा की गई कि शुरू में मांगों के उपरोक्त चार्टर के साथ एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा और मुसलमानों के 1 करोड़ हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन भारत के माननीय राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा और अगर अनुसूचित जाति समुदाय की मांगे पूरी न हुई तो 10 लाख मुस्लिम संसद का घेराव करेंगे और अगर अनुसूचित जाति समुदाय की मांगें तब भी पूरी नहीं हुईं, तो अनुसूचित जाति समुदाय की न्यायसंगत मांगों को पूरा करने के लिए मुस्लिम समुदाय भारत बंद की घोषणा करेगा

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity