लालू यादव के करीबी तथा पुर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने थामा जदयू का हाथ

मिल्लत टाइम्स,पटना:किसी जमाने में लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जदयू का दामन थाम लिया है. पटना स्थित जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में फ़ातमी के साथ-साथ मिथिलांचल के कई राजद नेताओं ने भी जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की.

फातमी के साथ जेडीयू में शामिल होने वालों में RJD के आठ प्रखंडों के अध्यक्ष भी शामिल थे. इस मौके पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि फ़ातमी साहब RJD के चंद महत्वपूर्ण नेताओं में से थे. आज उस पार्टी में ऐसी स्थिति बनी कि उन्हें आरजेडी छोड़नी पड़ी है. नीतीश कुमार के कामों से प्रभावित होकर फातमी साहब आज जेडीयू में आए हैं. वशिष्ठ ने कहा कि जेडीयू की पहचान दलों से अलग है और इसलिए लोग हमारे यहां आते हैं.

इस मौके पर फातमी ने कहा कि मैंने मंत्री रहते बिहार और दरभंगा के लिए बहुत कुछ किया है. मेरी तीन राउंड की मीटिंग नीतीश कुमार से हुई. बीजेपी के साथ जेडीयू लम्बे समय से रही है लेकिन अकलियतों के मामले में जेडीयू ने कभी कोई समझौत नहीं किया है. पार्टी विवादित मुद्दों पर अपना स्टैंड साफ़ रखती है
और बिहार के भीतर अकलियतों की सोच जेडीयू के साथ चलने की है.

आरजेडी छोड़ने के सवाल पर फातमी ने कहा कि पार्टी छोड़ना दर्द की बात होती है लेकिन जब सियासत में पैसा महत्वपूर्ण हो जाए तो वहां हम जैसों का रहना कठिन होता है. अली अशरफ फातमी ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही राजद के बगावत किया था. इस चुनाव में वो दरभंगा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन दरभंगा सीट महागबंधन के वीआइपी पार्टी के कोटे में चली गई थी. इससे नाराज फातमी ने न केवल राजद से विद्रोह किया था बल्कि चुनाव लड़ने का एलान किया था. उनके इस फैसले के बाद राजद से फातमी को निष्‍कासित कर दिया था गया था.

इसके बाद से ही माना जा रहा था कि फातमी चुनाव के बाद जेडीयू में शामिल होंगे और खुद फातमी ने भी जेडीयू में शामिल होने की घोषणा की थी. फातमी सीमांचल के इलाके में अल्पसंख्यकों के कद्दावार नेता माने जाते हैं.

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity