क्वालिटी शिक्षा का प्रचार प्रसार मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी को असल श्र्द्धांजलि

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में देवबंद ओल्ड बॉयज़ और वतन समाचार द्वारा आयोजित शोक सभा के दौरान, दिग विजय सिंह, तारिक अनवर, केसी त्यागी, ईटी बशीर, इलायास आज़मी, एमजे खान, मुफ़्ती एजाज़ अरशद, खालिद अनवर समेत कई उलेमा और नेताओं की शिरकत

आमिर जफर कासमी/मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: 4 जनवरी: देवबंद ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन और वतन समाचार द्वारा दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में सांसद मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी को श्र्द्धांजलि देने के लिए एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिस में दिग्गज नेता दिग विजय सिंह, तारिक अनवर, ईटी बशीर, केसी त्यागी, इलायस आज़मी, अली अनवर अंसारी, साबिर अली, मुफ़्ती अता उल रहमान, पप्पू यादव, मनोज चौधरी, खालिद अनवर एमएलसी, साजिद चौधरी, हकीम अयाज़ हाश्मी, हाजी इमरान अंसारी, बिलाल अहमद, इमरान क़िदवई, एम् जे खान, डॉ तसलीम रहमानी, इंजीनियर मुहम्मद असलम अलीग, कारी असद जुबैर, मौलाना क़ासमी नूरी, गौतम विग, यासीन जहाज़ी और अज़ीमुल्लाह सिद्दीक़ी क़ासमी व् आरिफ क़ासमी समेत कई धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने अपने प्रिय नेता मौलाना इसरारुल हक कासिमी की प्रशंसा करते हुए उन्हें श्र्द्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मौलाना एक जीवित वली थे। मौलाना ने संसद के सदस्य के रूप में अपनी शक्ति का इज़हार कभी नहीं किया। उस समय जब किशन गंज को जलाने का प्रयास किया गया था, मौलाना ने खुद की परवाह नहीं की। वे लोगों के बीच में चले गए, भले ही उनकी दाढ़ी को नोच कर उन को अपमानित किया गया, लेकिन उन्होंने कभी किसी से बदला नहीं लिया और कहते रहे की ये नादान लोग हैं, क्यों की यह चीज़ उन को दारुल ओलूम देवबंद से मिली थी।

वक्ताओं का कहना था कि मौलाना ने हमेशा उच्च और क्वालिटी की शिक्षा के लिए काम किया । उनके साथ तारिक अनवर सहित अन्य नेता भी थे, जिन्होंने किशन गंज में एएमयू सेंटर के गठन के लिए बलिदान दिया, जो इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कहा कि मौलाना ने जमीयत उलेमा, मिल्ली काउन्सिल और मिल्ली फाउंडेशन के बैनर तले सेवा की है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ा एसेट है। वक्ताओं ने कहा कि हमें मौलाना असरार-उल-हक अकादमी बनाकर, उनके कार्यों को जीवित रखने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मौलाना एक ऐसे इंसान थे जिन से शायद ही किसी को कोई तकलीफ पहुंनही हो, उन्हें दिखावा बिल्कुल पसंद नहीं था। उन्होंने खुद को कभी नहीं आगे किया बल्कि क़ौम और समाज को हमेशा आगे किया और उस के लिए काम करते करते हमारे बीच से चले गए। उन्होंने कहा कि मौलाना ने उलेमा के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे सरल जीवन शैली में रहना चाहिए और उनका काम क्या होना चाहिए।

उलेमा ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि मौलाना ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया है उस को देश के कोने कोने में मानक शिक्षा के साथ मदरसों का जाल बिछाया जाये ताकि कोई भी शिखा से वंचित ना रह जाये। और यह हम सब की ज़िम्मेदारी कि कोई भी व्यक्ति शिक्षा के से वंचित न रहे। कार्यक्रम का संचालन मुफ़्ती एजाज़ अरशद कासमी ने किया, जबकि वतन समाचार के एडिटर मोहम्मद अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन किया और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय विद्वान शेख सलाउद्दीन मक़बूल की दुआ के साथ शोक सभा समाप्त हुयी।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity