सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस पर फेंका बम1की मौत100 घायल

पुलिस ने 266 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है, 334 हिरासत में लिए गए।
पुलिस ने 266 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है, 334 हिरासत में लिए गए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 3 महीने बाद बुधवार को 2 महिलाओं ने किया प्रवेश
अदालत ने 28 सितंबर को सबरीमाला में हर उम्र की महिला को प्रवेश की अनुमति दी थी
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने हिंसा के लिए संघ और भाजपा को ठहराया जिम्मेदार

मिल्लत टाइम्स,तिरुअनंतपुरम. सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्यभर में हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के 38 जवानों समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराया था, लेकिन भाजपा व संघ को यह बात रास नहीं आई और उन्होंने लोगों को भड़का दिया।

सुुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं हिंदू संगठन
सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी। उसके बाद से भाजपा व तमाम हिंदू संगठन महिलाओं के मंंदिर में प्रवेश के फैसले पर अपना विरोध जता रहे थे।

सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी। उसके बाद से भाजपा व तमाम हिंदू संगठन महिलाओं के मंंदिर में प्रवेश के फैसले पर अपना विरोध जता रहे थे।

दो महिलाओं को कराया प्रवेश
बुधवार को दो महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करा दिया गया। पुलिस बिंदु अम्मीनी और कनक दुर्गा को भगवान अयप्पा के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में ले गई। दोनों ने काले वस्त्र पहने हुए थे। इसके बाद पुजारियों ने मंदिर का शुद्धीकरण किया था।

महिलाओं के प्रवेश के बाद राज्य भर में प्रदर्शन शुरू हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक, पथनमिथा में 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत पथराव के दौरान चोट लगने से हुई। पुलिस का कहना है कि वह सबरीमाला कर्म समिति से जुड़ा हुआ था। यह उन तमाम संगठनों में से एक है, जो फैसले पर विरोध जता रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी।

भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी हमला हुआ
कुछ अज्ञात लोगों ने त्रिशूर में चार भाजपा कार्यकर्ताओं को चाकू मारे। समिति के निर्देश पर ये लोग बाजार बंद करवा रहे थे। पंडालम, कोझिकोडे, कसारगोडे, ओट्टापालम में पुलिस ने लाठी चार्ज किया। कोझिकोडे में आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया गया। पुलिस उन लोगों को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही थी, जो जबरन बाजार बंद करा रहे थे। इस दौरान पुलिस के साथ लोगों की हिंसक झड़पें हुईं। भाजपा व उसके सहयोगी संगठन बंद का समर्थन कर रहे हैं जबकि कांग्रेस नीत यूडीएफ गुरुवार को काला दिवस मना रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पलक्कड़ में संघ के प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों पर भी हमले हुए।

बंद का व्यापक असर
फैसले के विरोध में हुए प्रदर्शन का सारे राज्य में व्यापक असर देखने को मिला। अदालत के फैसले के विरोध में हो रही हिंसक झड़पों से लोग बुरी तरह से सहमे हुए हैं। दुकानें व तमाम छोटे बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे। बस सेवा पूरी तरह से बाधित रही तो टैक्सी चालकों ने भी हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था कि प्रदर्शनकारी उन्हें भी निशाना बना सकते हैं। केरल, महात्मा गांधी, कन्नूर और कालीकट यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया।

SHARE
is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity