कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का ‘रेल रोको’ आंदोलन शांतिपूर्ण रहा।

नई दिल्ली :कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का ‘रेल रोको’ आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। कहीं से भी किसी तरह की हिंसा या घटना का समाचार नहीं मिला। कुछ जगह पर तो किसानों ने रेलवे अधिकारियों को फूल भी भेंट किए। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किया गया ‘रेल रोको’ आंदोलन दिन में 12 बजे से 4 बजे तक चला।

‘रेल रोको’ आंदोलन का पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में जबरदस्त असर दिखा। यहां पर किसानों ने रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन किया और रेल की पटरियों पर लेट गए। किसानों ने एक बार फिर से सरकार को आगाह किया कि कृषि क़ानूनों के ख़त्म होने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश कई जिलों में किसान और वामपंथी दलों के कार्यकर्ता रेलेवे स्टेशनों पर पहुंचे और प्रदर्शन किया।
जम्मू, अमृतसर, , पलवल के अलावा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी किसानों ने प्रदर्शन किया। पटना में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। इसके अलावा हरियाणा के अंबाला व कई अन्य जगहों पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया।

हरियाणा में आयोजित महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार ग़लतफहमी में न रहे कि किसान फसल कटाई पर गांव आएगा। अगर सरकार ने ज़्यादा बकवास की तो किसान खड़ी फसल में आग लगा देगा और एक दाना नहीं देगा। अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों को इकट्ठा करने का है।” राकेश टिकैत ने सरकार को खुली धमकी दे दी है

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