जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने डाली ‘जामिया स्टडी सर्किल’ की बुनियाद

(दिल्ली) आज दिनांक 24 जनवरी 2020 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रो ने जामिया के विरासत को संजोने के लिए जामिया स्टडी सर्किल की बुनियाद डाली. इस मौक़े पर एक संवाद का भी आयोजन किया गया, जिसमे बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया.

जामिया स्टडी सर्किल के बारे में हिदायतउल्लाह बताते हैं के इसका मक़सद जामिया की उस विचारधारा को आगे बढ़ाना है, जिसके तहत जामिया की बुनियाद डाली गई थी. वो आगे बताते हैं के इस स्टडी सर्किल के ज़रिया जामिया के छात्रों को ना सिर्फ़ उनके विरासत से रूबरू कराया जाएगा, बल्के उनको देश विदेश के मौजूदा और पूर्व के हालात से भी रूबरू कराया जायेगा.

आज ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरी की सीढ़ीयों पर छात्र इकट्ठा हुवे, और “मुल्क के वो सियासी हालात जिसमे जामिया की बुनियाद डाली गई” पर बात रखते हुवे जामिया के छात्र मुहम्मद उमर अशरफ़ ने कहा के जामिया आज पुरे विश्व में एक आंदोलन की जगह के तौर पर जाना जा रहा है. पर बहुत कम लोगों के ये पता है कि जामिया ख़ुद एक आंदोलन की देन है, ये ना सिर्फ़ असहयोग और ख़िलाफ़त आंदोलन कि पैदावार है, बल्कि इसके पीछे पैनएशिया मूवमेंट है, उन्होंने रूस तुर्की युद्ध, ग्रीस तुर्की युद्ध, रूस जापान युद्ध और इटली लिबिया युद्ध का उदहारण देते हुवे बताया के इस युद्ध भारत के लोगों ने एशिया के देशों का न सिर्फ़ ज़ुबान से साथ दिया बल्कि पैसे से भी मदद कि.

बालकान युद्ध का उदाहरण देते हुवे उन्होंने आगे कहा जामिया के संस्थापकों में से डॉ मुख़्तार अहमद अंसारी ने 1911-12 मे हुए इस युद्ध मे तुर्की के समर्थन मे मेडिकल टीम की नुमाईंदगी की, जिसके बाद तुर्की ने 1 दिसम्बर 1915 को काबुल में राजा महेंद्र प्रताप कि अध्यक्षता में बनी आज़ाद हिंदुस्तान सरकार को मान्यता दे दी थी. इस सरकार की सरप्रस्ती जामिया की संग ए बुनियाद डालने वाले मौलाना महमूद उल हसन ने कि थी, इस सरकार के गृहमंत्री मौलाना ओबैदउल्ला सिंधी थे, जिन्होंने जामिया में पढ़ाया, इन लोगों का मक़सद ना सिर्फ़ भारत को आज़ाद करवाना था, बल्कि पुरे एशिया से साम्राज्यवादी ताक़त को बाहर निकलना था.

इस मौक़े पर छात्रों से सलाह भी ली गई, जिसमे छात्रों बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, देवांशी माहेश्वरी ने इस पहल का स्वागत करते हुवे कहा के ये छत्रों के द्वारा शुरू कि गई एक बहुत अच्छी पहल है, और इसी तरह विभिन्न मुद्दे पर संवाद होते रहनी चाहिए.

जामिया के एम.सी.आर.सी के छात्र मुदस्सिर नज़र ने कहा के जामिया स्टडी सर्किल से ना सिर्फ़ छात्रों का बल्के समाज के कमज़ोर तबक़े का भी फ़ायदा होगा.

एहसान उर रहमान के अनुसार छात्रों का काम ना सिर्फ़ परिक्षा पास कर नौकरी करना है, बल्कि समाज के विकास में भी सहयोग करना है.

इस मौक़े पर अफ़ाक़ हैदर, नेहाल ज़ैदी, सलमान अहमद, आरिफ़ा, मदिहा आदि छात्र मौजूद थे.

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